आँखों से पानी गिरने के लक्षण :
इसमें आंखों से बार-बार पानी गिरता रहता है। एक जगह बहुत देर तक देखना संभव नहीं होता। धूल-गर्द या आंख के किसी अन्य रोग के कारण भी आंखों से पानी गिरने लगता है।
आँखों से पानी गिरने से रोकने के उपचार :
- 5-6 मुनक्के एक कप पानी में भिंगोकर रात भर रख दें। प्रातः काल उठकर इन मुनक्कों को खाकर इसी पानी को पी जायें।
- दो छोटी इलायची पीसकर उसके चूर्ण को एक गिलास दूध में उबालकर प्रतिदिन सेवन करें। एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर नित्य प्रातः सेवन करते रहें। हरड़, सेंधा नमक, रसौत और गेरू समभाग लेकर पानी में पीसकर पलकों पर लगायें। पुनर्नवा (गदहपूर्णा) की जड़ को शहद में घिसकर आँखों में लगायें।
- त्रिफला (हर्रे, बहेड़ा, आंवला- तीनों समभाग) को रात भर भिंगो कर रख दें और प्रातः उठकर इसी पानी से आंखों को धोयें। नित्य कुछ दिनों तक धोने से आंखों से पानी का गिरना बंद हो जायेगा।
- निर्मली को पानी में घिसकर अंजन की तरह लगाने से आँखों का पानी गिरना बंद हो जाता है। एक चम्मच राई के तेल में दो लौंग डालकर गरम करें और फिर उसे रूई के फाहे में भिंगोकर आधी बूंद दोनों कानों (आँखों में नहीं) में डालें। आंख से पानी गिरना बंद हो जायेगा।
- 60 ग्राम सरसों के तेल में लहसुन की एक गांठ पकाकर उस तेल से सीने, गले के आसपास और कानों के चारों ओर मालिश करें। तीन दिनों के भीतर आंख से पानी का गिरना बद हो जायेगा ।
- जलते हुए कोयलों पर चीनी का बुरादा डालकर उसका धुआँ सूंघकर भीतर खींचे। आंखों से पानी का गिरना बंद हो जाता है।
आँखों से पानी गिरने से रोकने के दवा-रहित उपचार :
- धूल-गर्द से आंखों को बचाये रखें।
- रात को हल्के गरम पानी में थोड़ा-सा नमक डालकर पीने से लाभ होता है।
- सोते समय मौसम के अनुसार ठंडे अथवा गर्म पानी से पैरों को अच्छी तरह धोना भी लाभप्रद है।
- ताजे और स्वच्छ जल से आंखों को नियमित धोयें।
आँखों से पानी गिरने को रोकने के कुछ सावधानी एवं बचाव :
- अगर आंख से पानी ज्यादा गिरता हो तो सबसे पहले अपनी आँखों की जांच कराकर चश्मा आदि ले लें।
- अमरूद को आग में भूनकर नित्य खायें।
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