हिचकी डायफ्राम के अनैच्छिक संकुचन (दबाव) के कारण होती हैं। डायाफ्राम वह मांसपेशियां हैं, जो पेट से छाती को अलग करती हैं और श्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसमें संकुचन या दबाव के बाद स्वरतंत्र अचानक बंद हो जाता है, जिससे 'हिक' ध्वनि उत्पन्न होती है।
ज्यादा भोजन करने, शराब पीने, कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थ पीने या अपचन उत्तेजित होने से हिचकी आना शुरू हो सकती है। कुछ मामलों में हिचकी अन्य रोग या चिकित्सीय स्थिति की ओर संकेत करती है। सामान्यत: लोगों को हिचकी की समस्या कुछ मिनटों के लिए ही होती है।
बेहद ही कम मामलों में हिचकी लंबे समय तक जारी रह सकती है। इससे थकान हो सकती है और वजन भी कम हो सकता है।
लक्षण -
हिचकी आना एक लक्षण ही होता है। इसमें कई बार छाती, पेट और गले में कसाव या दबाव महसूस होता है। बात करते समय हिचकी आती है।
कारण -
हिचकी आने के कारणों को दो भागों में विभाजित किया जाता कारण और दूसरा, 48 घंटे से अधिक समय तक हिचकी आने के कारण।
48 घंटों से कम या कुछ घंटों के लिए हिचकी आने के कारण
हिचकी आने के कई कारण होते हैं। 48 घंटों के कम समय के लिए हिचकी आने के सामान्य कारणों में निम्न शामिल हैं-
- कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थ पीना;
- बहुत ज्यादा शराब पीना;
- अत्यधिक खाना;
- उत्तेजित होना या भावनात्मक रूप से तनाव होना;
- अचानक तापमान में परिवर्तन होना;
- च्युइंगम या कैंडी (टॉफी) को चूसने के साथ हवा निगलना।
48 घंटों से ज्यादा समय तक हिचकी आने के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है।
तंत्रिका में जलन या क्षति होना -
लंबे समय तक हिचकी के कारण वैगस नसों या फ्रेनिक नसों में जलन या किसी अन्य प्रकार की क्षति हो सकती है, यह नसें डायाफ्राम मांसपेशियों के कार्य में सहायता करती हैं। इन नसों की क्षति या जलन होने के कारकों में निम्न शामिल हैं।
- गर्दन में टयूमन,
- घेघा या गांठ होना;
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स / पाचन संबंधी रोग;
- गले में खराश या गले में सून होना।
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार -
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में ट्यूमन, संक्रमण या किसी चोट के कारण प्रभावित क्षेत्र को होने वाला नुकसान से हिचकी को नियंत्रण करने में बाधा उत्पन्न होती है। इसके उदाहरणों में निम्न शामिल हैं-
- एनसेफेलिटिस / दिमागी बुखार;
- मेनिनजाइटिस;
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस;
- आघात;
- मस्तिष्क की चोट;
- टयूमर।
मेटाबॉलिक विकार और दवाओं के कारण -
लंबी अवधि तक हिचकी होने के कारणों में निम्न भी शामिल हो सकती है-
- शराब की लत;
- बेहोशी; ब्राबीटयुरेट्स / एक प्रकार की दवा;
- मधुमेह;
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन;
- गुद्रे की बीमारी: ट्रेनक्यूलाइजर / चिंता को दूर करने वाली दवा।
हिचकी आने के जोखिम कारक -
पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा अधिक समय तक हिचकी आने की समस्या देखी जाती है। कुछ जोखिम कारक जो हिचकी की समस्या को बढ़ा सकते हैं।
मानसिक और भावनात्मक समस्याएं -
चिंता, तनाव और किसी बात पर उत्तेजित हो जाना, कई बार कम समय व अधिक समय के लिए हिचकी आने का कारण बन सकता है।
सर्जरी-
कई मामलों में एनेस्थीसिया (सर्जरी के दौरान प्रयोग होने वाली दवा) के कारण हिचकी आने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
जांच -
हिचकी आने को खुद महसूस करते हैं। लेकिन, लंबी अवधि तक हिचकी आने व इसके पीछे कोई अन्य रोग होने की जाँच के लिए कई तरह के परीक्षण करने होते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
शारीरिक परीक्षण -
शारीरिक परीक्षण में तंत्रिका तंत्र को जांचने के लिए निम्न चीजों को परीक्षण करते हैं-
- संतुलन और समन्वय;
- मांसपेशियों की क्षमता;
- सजगता;
- देखने और किसी चीज को छूकर महसूस क करने की क्षमता।
इन सभी टेस्ट में यदि हिचकी आने का कोई अन्य कारण लगता है तो निम्न तरह के अन्य टेस्ट करने के लिए सुझाव दे सकते हैं।
प्रयोगशाला परीक्षण - खून में नमूनों से निम्न लक्षणों की जांच जैसे मधुमेह; संक्रमण; गुर्दे की बीमारी।
इमेजिंग टेस्ट - इस प्रकार के परीक्षणों से वैगस नसों, फ्रेनिक नसों और डायापाम में होने वाली असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है। इमेंजिंग टेस्ट में छाती का एक्स-रे; कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी; मैग्रेटिक रिसोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging/MRI)
एंडोस्कोपिक परीक्षण - इस प्रक्रिया में एक पतली, लचीली टयूब का उपयोग किया जाता है। इस टयूब में छोटा सा कैमरा लगाकर ग्रासनलिका और सांस नली में आने वाली समस्या को जांचा जाता है।
Treatment Protocol
- Tab Liofen 10 mg-1+1
- Tab Largactil 50mg1+1+1
- Tab Alprax 0.25mg 1+1 (तभी देना हैं अगर रोगी अवसाद (anxiety) में हो।)